कश्मीर,आतंकवाद,नक्सली और शहीद होती सेना
सरकार बनने के तीन वर्ष पूरे होने को है सरकार का सर्वप्रमुख वचनबद्धता देश से कश्मीर में धारा 370 हटाने की थी।तीन वर्ष में शिथिल प्रक्रिया मन मे आक्रोश को जन्म देती है।मुजाहिद्दीन आज भी सक्रिय है देश का जवान कश्मीरीयों के पत्थर ही नही थप्पड़ भी खा रहा है।
साहेब् यह थप्पड़ सेना पर ही नही अपितु देश की एक एक जनता की भावना पर पड़ता है जो एक घाव है और उस घाव पर निंदा नाम की नमक भी रगड़ी जाती है और आप कश्मीर के समग्र विकास के लिये हजारों करोड़ो के पैकेज देते हो।आप कश्मीर मे जाकर कहते हो कि “धारा 370” पर बहस होनी चाहिये।क्या देश की जनता ने धारा 370 पर बहस करने लिये प्रचंड बहुमत दिया था।
आपके ही देश में नारा लग रहा “पाकिस्तान से रिश्ता क्या या इलाहा इनलल्लाह” बड़ी पीड़ा होती है साहेब्।
बहुमत के बाद भी “बस नारों मे गाते रहियेगा कश्मीर हमार है”
सुकमा,दांतेवाड़ा,बस्तर के रक्त रंजित वर्तमान भविष्य की कल्पना को धुमिल कर रहे है।
2018 मे राज्यसभा मे आपकी बहुमत हो जायेगी और मै विश्वास के साथ कह रहा हूं आप फिर भी धारा 370 पर कुछ नही कर पायेंगे यह तय है।
इन सब के बावजूद भी 2019 मे आपको ही प्रधानमंत्री बनते देखुंगा यह अटल विश्वास है।मैं एक भारतवाशी के मन की बात लिख रहा हूं जरूरी नही कि आप सहमत ही हो।
Writer- Manish Mehdawaliya
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