हाथ में त्रिशूल गरवा… सोनवा के हार
रुपवा मनवा मोहत बा
त बाड़ी शेर पर सवार, रुपवा मनवा मोहत बा
हमरे विंध्याचल मईया के शोभा देखि
एक हाथे चक्र दूजे सोहे तलवरिया
भगतन के गुंजत बाटे भारी जैकरिया ……
सोना के मुकुटवा सोहे माई के कपार
रुपवा मनवा मोहत बा
त बाड़ी शेर पर सवार, रुपवा मनवा मोहत बा
गदा सोहे फूल सोहे तिरिया धनुषीय
लाल रंग साड़ी मोहे चाँद सी सुरतिया
एक हाथे ॐ धरे… श्रिस्टी के सिंगार
रुपवा मनवा मोहत बा
त बाड़ी शेर पर सवार, रुपवा मनवा मोहत बा
माई के चरण में जाये से पहिले भक्त के मन में का श्रद्धा लागल रहेला
नारियल चढ़इबे माई धुप अगरबत्तियां
फल फूल ढेर लागल माई के बरतिया …
मनवा में दुलके मोहे 2 माई के सिंगार
रुपवा मनवा मोहत बा
त बाड़ी शेर पर सवार, रुपवा मनवा मोहत बा
ये नवरातर में विंध्याचल मैया के सोभा कइसन लागत बाटे भैया
धाम विंध्याचल जैसे ओढले चुनरिया
चमके सितारा चम् चम् हेट ना नजरिया
मन करे आई रोजे… 2 गाई बार बार
रुपवा मनवा मोहत बा
त बाड़ी शेर पर सवार, रुपवा मनवा मोहत बा
हाथ में त्रिशूल गरवा… सोनवा के हार
रुपवा मनवा मोहत बा
त बाड़ी शेर पर सवार, रुपवा मनवा मोहत बा