नालायक बेटा

देर रात अचानक ही पिता जी की तबियत बिगड़ गयी,   आहट पाते ही उनका नालायक बेटा उनके सामने था। माँ ड्राईवर बुलाने की बात कह रही थी, पर उसने सोचा अब इतनी रात को इतना जल्दी ड्राईवर कहाँ आ पायेगा ?????   यह कहते हुये उसने सहज जिद और अपने मजबूत कंधो के सहारे … Read more

एक गलत कदम

किंजल! सुन, मैं सुबह 4 बजे ही स्टेशन पर आ जाऊँगा । तू भी तैयार होकर आ जाना और इंतज़ार मत करवाना वरना ट्रेन निकल जायेगी। “अरे ! तू चिंता मत कर मैं सोऊंगी ही नहीं और वैसे भी आज रात नींद आने वाली भी नहीं है।” “हाँ ! ये तो तू सही कह रही … Read more

अनोखी दवाई

काफी समय से दादी की तबियत खराब थी . घर पर ही दो नर्स उनकी देखभाल करतीं थीं . डाक्टरों ने भी अपने हाथ उठा दिए थे और कहा था कि जो भी सेवा करनी है कर लीजिये . दवाइयां अपना काम नहीं कर रहीं हैं . उसने बच्चों को होस्टल से घर पर बुला … Read more

पति पत्नी और शेर

बहादुर सिंह चार वर्ष से एक सर्कस में शेरों को ट्रेनिंग दे रहे थे- 🦁🦁🦁🦁 एक दिन सुबह नाश्ता करते समय किसी बात पर पत्नी से बहस हो गई- 🤩🤩 बहादुर सिंह को गुस्सा आ गया और वो नाश्ता छोड़ कर सर्कस चले गए- पत्नी गुस्से में आग बबूला हो गई- उसने भी पति को … Read more

एक बुद्ध औरत

दो जवान बेटे मर गए। दस साल पहले पति भी चल बसे। दौलत के नाम पर बची एक सिलाई मशीन। सत्तर साल की बूढी पारो गाँव भर के कपड़े सिलती रहती। बदले में कोई चावल दे जाता, तो कोई गेहूँ या बाजरा। सिलाई करते समय उसकी कमजोर गर्दन डमरू की तरह हिलती रहती। दरवाजे के … Read more

सफर और हमसफ़र

ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकिट नही मिला तो जर्नल डिब्बे में ही बैठना पड़ा। मगर यहां ऐसे हालात में उस शख्स से मिलना। जिंदगी के लिए एक संजीवनी के समान था। … Read more

दीपावली के दिन सूरन की सब्जी

दीपावली के दिन सूरन की सब्जी बनती है,,, सूरन को जिमीकन्द (कहीं कहीं ओल) और कांद भी बोलते हैं, आजकल तो मार्केट में हाईब्रीड सूरन आ गया है,, कभी-२ देशी वाला सूरन भी मिल जाता है ! दीपावली के 3-4 दिन पहले से ही मार्केट में हर सब्जी वाला (खास कर के उत्तर भारत में) … Read more

तीन छलनी परीक्षण

जय जय श्रीराधे ! 💖 एक बार चाणक्य का एक परिचित उनसे मिलने आया और बोला – क्या तुम जानते हो कि “मैंने तुम्हारे मित्र के बारे में क्या सुना है?” चाणक्य ने उसे टोकते हुए कहा – “एक मिनट रुको।” इसके पहले कि तुम मुझे मेरे मित्र के बारे में कुछ बताओ, उसके पहले … Read more

मेरे पिता

मेरे पिता… बेटा अपने बूढ़े पिता को अनाथआश्रम में छोड़कर वापस जा रहा था। उसकी बीवी ने फ़ोन किया और कहा: “अपने बाप को ये भी कह दो कि त्यौहार पर भी घर आने की आवश्यकता नहीं, अब वे वहीं रहें और हमें भी शान्ति से जीने दें।” बेटा वापस मुड़ा और अनाथआश्रम में गया … Read more

और फिर हो जाइए हरा-भरा…

मेरी पति ने कुछ दिनों पहले घर की छत पर कुछ गमले रखवा दिये और एक छोटा सा गार्डन बना लिया। पिछले दिनों मैं छत पर गयी तो ये देख कर हैरान रह गयी कि कई गमलों में फूल खिल गये हैं, नींबू के पौधे में दो नींबू भी लटके हुए हैं और दो चार … Read more