सफर और हमसफ़र

ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकिट नही मिला तो जर्नल डिब्बे में ही बैठना पड़ा। मगर यहां ऐसे हालात में उस शख्स से मिलना। जिंदगी के लिए एक संजीवनी के समान था। … Read more

फ्यूज बल्ब

शहर में बसे एक क्षेत्र में एक बड़े आईएएस अफसर रहने के लिए आए जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे।‌ ये बड़े वाले रिटायर्ड आईएएस अफसर हैरान परेशान से रोज शाम को पास के पार्क में टहलते हुए अन्य लोगों को तिरस्कार भरी नज़रों से देखते और किसी से भी बात नहीं करते थे। … Read more

कारगिल का वो नायक

बीस साल पहले हिमाचल प्रदेश के एक गांव से एक पत्र रक्षा मंत्रालय के पास पहुंचा। लेखक एक स्कूल शिक्षक थे और उनका अनुरोध इस प्रकार था। उन्होंने पूछा, “यदि संभव हो तो, क्या मुझे और मेरी पत्नी को उस स्थान को देखने की अनुमति दी जा सकती है जहां कारगिल युद्ध में हमारे इकलौते … Read more

मूर्खता से लबरेज हिंदुस्तानी, हर काल में अपने ही से हारे हैं

एक मित्र जो कुछ वर्षों तक हांगकांग में रहे, *अपना अनुभव बता रहे थे।* वहां करीब एक वर्ष बीतने पर उन्हें लगा कि वहां के लोग उनसे कुछ दूरी बनाए रखते हैं। किसी ने उन्हें अपने घर नहीं बुलाया। उन्हें यह बहुत अखर रहा था, तब आखिर एक करीबी से उन्होंने पूछ ही लिया। थोडी … Read more