ऑपरेशन सिंदूर: कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह बनीं साहस और सम्मान की मिसाल

7 मई, नई दिल्ली

देश की दो वीरांगनाओं, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूरकी मीडिया ब्रीफिंग में जिस आत्मविश्वास, संजीदगी और दृढ़ता के साथ देश का प्रतिनिधित्व किया, उसने पूरे भारत का दिल जीत लिया। सोशल मीडिया पर दोनों महिला अधिकारियों की जमकर सराहना हो रही है — लोग इन्हें भारत की असली शक्ति” कहकर सलाम कर रहे हैं।


आतंक के जवाब में भारत की सीधी कार्रवाई

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इस जवाबी मिशन को ‘ऑपरेशन सिंदूरनाम दिया गया।

इसके बाद 7 मई को हुई आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह ने मीडिया को पूरी जानकारी दी। उनकी पेशेवर प्रस्तुति और स्पष्ट संदेश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय महिलाएं हर मोर्चे पर अग्रणी हैं



कर्नल सोफिया कुरैशी – भारतीय सेना की गौरवगाथा

गुजरात में जन्मीं कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक अनुभवी और सम्मानित अधिकारी हैं। उनके दादा सेना में थे और उनके पति भी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में कार्यरत हैं। बायोकैमिस्ट्री में पोस्टग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई से अपनी सैन्य सेवा शुरू की।

वर्ष 2006 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कांगो में सेवा दी और 2016 में वे पहली भारतीय महिला बनीं जिन्होंने किसी अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का नेतृत्व किया।


विंग कमांडर व्योमिका सिंह – आकाश की रक्षक

इंजीनियरिंग के साथ-साथ NCC से जुड़कर अपने सैन्य करियर की शुरुआत करने वाली व्योमिका सिंह ने चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों को भारत के सबसे कठिन इलाकों में उड़ाया है। वर्ष 2019 में वे वायुसेना में हेलीकॉप्टर पायलट बनीं और उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला।

2020 में अरुणाचल प्रदेश की ऊंची पहाड़ियों में, बेहद खराब मौसम में उन्होंने एक चुनौतीपूर्ण मिशन का नेतृत्व किया, जिसे वायुसेना के सबसे साहसी अभियानों में गिना जाता है।


नारी शक्ति का नया रूप

दोनों अफसरों की मीडिया में प्रस्तुति केवल जानकारी नहीं थी — वह एक संदेश था।
यह था नया भारत, जहां महिलाएं केवल सीमाओं की रक्षक नहीं, बल्कि राष्ट्र की आवाज बनकर खड़ी हैं।

ना फूल हैं, ना कमजोर… ये भारत की बेटियां हैं – चिंगारी भी हैं, और प्रेरणा भी।”


सोशल मीडिया पर उमड़ा सम्मान

लोगों ने दिल खोलकर इन दोनों अधिकारियों की सराहना की:

  • भारत की बेटियों पर गर्व है!”

  • सलाम उन पर जो सिर्फ जंग नहीं लड़तीं, बल्कि देश का मान भी बढ़ाती हैं!”

  • इनकी ब्रीफिंग नहीं, ये पूरे देश की भावनाएं थीं।”


कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह आज सिर्फ अफसर नहीं, भारत की आत्मा की प्रतिनिधि हैंउन्होंने यह साबित कर दिया कि नारी शक्ति अब केवल प्रेरणा नहीं, नेतृत्व का नाम है

Leave a Comment