महिला, बैंक और उसका रुमाल

एक बार एक महिला अपना पसंदीदा रूमाल बैंक में कैश
काउन्टर पर भूल जाती है।

कैशियर यह सोचकर रूमाल अपने पास रख लेता है कि जिसका भी होगा वो आकर ले जायेगा,लेकिन गलती से अपने आदत के मुताबिक कैशियर द्वारा उस रुमाल पर 2 – 4 stamps लग जाता है।

कुछ समय पश्चात वह महिला आकर अपना रूमाल
मांगती है तो कैशियर उसे उसका रूमाल वापस दे देता है।

जैसे ही वह महिला अपने रुमाल पर बैंक का stamps देखती है तो गुस्से में तमतमाते हुए कैशियर को बोलती है..” ये आपने क्या बेवकूफी किया, मेरा कीमती रूमाल खराब कर दिया,दिमाग नाम की चीज़ है भी कि नहीं आपके पास “।

कैशियर को भी उस महिला की बातों को सुनकर क्रोध आ गया औऱ फ़िर उसने जबाब दिया….” आपको किसने
कहा था यहां रूमाल छोडकर जाने के लिए, हम नौकर नहीं हैं आपके…सरकार हमें बैंक का काम करने के लिए तनख्वाह देती है न कि आपके रूमाल की रखवाली करने के लिए, चलिए फुटीए यहाँ से जल्दी “…..

महिला गुस्से में आग बबूला होती हई मुख्य शाखा प्रबंधक के केबिन में जाती है और उसे सारी बात बताती है।

शाखा प्रबंधक महिला की बातों को बहुत ग़ौर से सुनने के बाद उससे रूमाल मांगता है और फ़िर उस पर “All our stamps cancelled” वाली मोहर लगा कर अपने हस्ताक्षर करता है और वापस महिला को रूमाल देते हुए कहता है…” लीजिए मैडम अब पहले वाली स्टाम्प की कोई वैधता नही है…अब आप अपने गुस्से को आकथू कीजिए औऱ आराम से अपना रुमाल लेकर घर जाइए लेकिन फ़िर सेवा का अवसर जरूर प्रदान कीजिएगा क्योंकि ग्राहक की सेवा ही हमारा धर्म है….. “।

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