हम वन के वासी, नगर जगाने आए
वन वन डोले, कुछ ना बोले, सीता जनक दुलारी, फूल से कोमल मन पर सहती, दुख पर्वत से भारी, धर्म नगर के वासी कैसे, हो गये अत्याचारी, राज धर्म के कारण लुट गयी, एक सती सम नारी। हम वन के वासी, नगर जगाने आए, सीता को उसका खोया, माता को उसका खोया, सम्मान दिलाने आए, … Read more