एक हाथ की क्या कहानी है?’
उस दिन ट्रेन लेट होकर रात्रि 12 बजे पहुँची। बाहर एक वृद्ध रिक्शावाला ही दिखा जिसे कई यात्री जान बूझकर छोड़ गए थे। एक बार मेरे मन में भी आया, इससे चलना पाप होगा, फिर मजबूरी में उसी को बुलाया, वह भी बिना कुछ पूछे चल दिया। कुछ दूर चलने के बाद ओवरब्रिज की चढ़ाई … Read more