संसार में दो प्रकार के पेड़ पौधे होते हैं…

संसार में दो प्रकार के पेड़ पौधे होते हैं… प्रथम – अपना फल स्वयं दे देते हैं… जैसे – आम, अमरुद, केला इत्यादि । द्वितीय – अपना फल छिपाकर रखते हैं… जैसे – आलू, अदरक, प्याज इत्यादि । जो फल अपने आप दे देते हैं, उन वृक्षों को सभी खाद-पानी देकर सुरक्षित रखते हैं, और … Read more

कितनी रकम?

*आज कोरोना संक्रमण से एक 93 साल का बूढ़ा व्यक्ति ठीक हुआ और जब वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने लगा, तब उसे अस्पताल के स्टॉफ ने एक दिन के वेंटिलेटर, oxygen के इस्तेमाल करने का बिल 13,000 रुपये का थमा दिया जो किसी कारणवश (बाकी बिल से) छूट गया था।* *जिसे देखकर वह बूढ़ा व्यक्ति … Read more

नमस्‍ते कितना वैज्ञानिक

  विश्‍व के अधिकांश देशों में जहां लोग एक दूसरे से मिलने पर हैंडशेक करते हैं वहीं भारत में अभी भी लोग नमस्कार का ही प्रयोग करते हैं। नमस्कार शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के *नमस* शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है एक आत्मा का दूसरी आत्मा से आभार प्रकट करना। नमस्‍कार करने का … Read more

अंतिम दौड़

बहुत समय पहले की बात है एक विख्यात ऋषि गुरुकुल में बालकों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। उनके गुरुकुल में बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के पुत्रों से लेकर साधारण परिवार के लड़के भी पढ़ा करते थे। वर्षों से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और सभी बड़े उत्साह के … Read more

जिन मुश्किलों में मुस्कुराना हो मना, उन मुश्किलों में मुस्कुराना धर्म है।

जिस वक़्त जीना गैर मुमकिन सा लगे, उस वक़्त जीना फर्ज है इंसान का, लाजिम लहर के साथ है तब खेलना, जब हो समुन्द्र पे नशा तूफ़ान का जिस वायु का दीपक बुझाना ध्येय हो उस वायु में दीपक जलाना धर्म है। ● हो नहीं मंजिल कहीं जिस राह की उस राह चलना चाहिए इंसान … Read more

बहुत पुरानी बात है, एक नगर मे महामारी आने वाली थी

*बहुत पुरानी बात है, एक नगर मे महामारी आने वाली थी।* *उसने नगर के राजा से कहा मैं आ रही हूँ, और 500 लोगो की जान लुंगी। राजा ने नगर में ढिंढोरा पिटवा दिया, हर तरफ महामारी का ज़ोर और दहशत एवं डर का माहौल हो गया।* *जब महामारी जाने लगी राजा ने कहा कि … Read more

मानवता

एक दिन *मानव* पैदल वापस घर आ रहा था। रास्ते में बिजली के एक खंभे पर एक कागज चिपका दिखा। मोटे अक्षरों में लिखा था – *कृपया पढ़ें !!* फुरसत में था, तो पास जाकर देखा , तो लिखा था, *”इस रास्ते पर मैंने कल एक ₹ 50 का नोट गंवा दिया है। मुझे ठीक … Read more

मूर्खता से लबरेज हिंदुस्तानी, हर काल में अपने ही से हारे हैं

एक मित्र जो कुछ वर्षों तक हांगकांग में रहे, *अपना अनुभव बता रहे थे।* वहां करीब एक वर्ष बीतने पर उन्हें लगा कि वहां के लोग उनसे कुछ दूरी बनाए रखते हैं। किसी ने उन्हें अपने घर नहीं बुलाया। उन्हें यह बहुत अखर रहा था, तब आखिर एक करीबी से उन्होंने पूछ ही लिया। थोडी … Read more

लोभी प्रवृत्ति

  एक राजा बहुत ही न्याय प्रिय तथा धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव की बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये और कहा , ” राजन ! मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। यदि तुम्हारी कोई इच्छा हो तो बताओ। ” प्रजा को … Read more

लक्ष्मीजी की अंगूठी

*लक्ष्मीजी की अंगूठी* एक निर्धन व्यक्ति था। वह नित्य भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करता। एक बार दीपावली के दिन भगवती लक्ष्मी की श्रद्धा-भक्ति से पूजा-अर्चना की। कहते हैं उसकी आराधना से लक्ष्मी प्रसन्न हुईं। वह उसके सामने प्रकट हुईं और उसे एक अंगूठी भेंट देकर अदृश्य हो गईं। अंगूठी सामान्य नहीं थी। उसे … Read more