फ्यूज बल्ब

शहर में बसे एक क्षेत्र में एक बड़े आईएएस अफसर रहने के लिए आए जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे।‌ ये बड़े वाले रिटायर्ड आईएएस अफसर हैरान परेशान से रोज शाम को पास के पार्क में टहलते हुए अन्य लोगों को तिरस्कार भरी नज़रों से देखते और किसी से भी बात नहीं करते थे। … Read more

कोरोना के मरीज को जैसे “ऑक्सीजन” मिल गई

अभी रफाल का भूत उतरा नहीं, स्टेन स्वामी का और चढ़ गया – संसद सत्र बर्बाद हुए समझो – राहुल गाँधी और उसके “चपरासी” शागिर्दों को बस रफाल के लिए बोलने वाला दुनियां में कोई मिल जाये, बस उन्हें लगता है कोरोना के मरीज को जैसे “ऑक्सीजन” मिल गई — सारे आरोप भारत के सुप्रीम … Read more

कारगिल का वो नायक

बीस साल पहले हिमाचल प्रदेश के एक गांव से एक पत्र रक्षा मंत्रालय के पास पहुंचा। लेखक एक स्कूल शिक्षक थे और उनका अनुरोध इस प्रकार था। उन्होंने पूछा, “यदि संभव हो तो, क्या मुझे और मेरी पत्नी को उस स्थान को देखने की अनुमति दी जा सकती है जहां कारगिल युद्ध में हमारे इकलौते … Read more

म्हारो दढ़ियल इंजन

वन्दे भारत ट्रेन जब चली थी तो बहुत किस्से हुआ करते थे, अब भी हो रहे हों शायद लेकिन शुरूआती दौर में बहुत ज्यादा किस्से हुए। ये हाई स्पीड ट्रेन है चलने के पहले ही इसके दरवाजे लॉक हो जाते हैं फिर ट्रेन का मूवमेंट शुरू होता है। हम लोगों की आदत है कि पैसेंजर … Read more

इंसान का मन चाहता कुछ और है,, बोलता कुछ और है ….???

बहुत साल पहले, एक व्यक्ति मेरे पास आये और बोले कि साहनी जी,, मुझे कुछ ऐसी टेक्निक सिखा दो, जिससे मैं किसी इंसान को पढ़ सकू , जान सकू, कि वो इंसान कैसा है?? क्या है ?? मुझे पता है कि आप लोगो को बहुत जल्दी पढ़ लेते हो ,,, ये कला आप के पास … Read more

बैठने का बाज आदी हो चुका था

बहुत समय पहले की बात है , एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये । वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे , और राजा ने कभी इससे पहले इतने शानदार बाज नहीं देखे थे। राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी आदमी को नियुक्त कर दिया। जब … Read more

परिवार है तो जीवन में हर खुशी, खुशी लगती है

एक पार्क मे दो बुजुर्ग बैठे बातें कर रहे थे…. पहला :- मेरी एक पोती है, शादी के लायक है… BE किया है, नौकरी करती है, कद – 5″2 इंच है.. सुंदर है कोई लडका नजर मे हो तो बताइएगा.. दूसरा :- आपकी पोती को किस तरह का परिवार चाहिए…?? पहला :- कुछ खास नही.. … Read more

ऊपर बैठ जाइए साहब

लस्सी का ऑर्डर देकर हम सब आराम से बैठकर एक दूसरे की खिंचाई मे लगे ही थे… कि एक लगभग 70-75 साल की माताजी कुछ पैसे मांगते हुए मेरे सामने हाथ फैलाकर खड़ी हो गईं .. उनकी कमर झुकी हुई थी ,.चेहरे की झुर्रियों मे भूख तैर रही थी ..आंखें भीतर को धंसी हुई किन्तु … Read more

पितृ दिवस #पर पिताजी को समर्पित मेरी कविता

#पितृ दिवस #पर पिताजी को समर्पित मेरी कविता🌹🙏 ……………………………. पिता! उस बूढ़े बरगद के समान होता है। जो हर हाल में अपनी जड़ को, जमीन में जमाए अपनी संतान को पितृत्व की छाया में पल्लवित और पुष्पित करता है। और नित नवीन संस्कारों से आगे बढ़ने की राह दिखाता है। ठीक उसी तरह जैसे एक … Read more