जीने की सही दृष्टि

*जीने की सही दृष्टि* जीवन जीना एक कला है। हम चाहें तो बहुत सुंदर जीवन जिया जा सकता है वर्ना यही जीवन हमें बोझ लगने लगता है। ऐसे में प्रश्न जीवन जीने की सही दृष्टि प्राप्त करने का है, क्योंकि जब तक यह दृष्टि हमें प्राप्त नहीं होती तब तक हमें जीने की राह नहीं … Read more

एक चुटकी ज़हर रोजाना

आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ और वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि उसकी सास के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। सास पुराने ख़यालों की थी और बहू नए विचारों वाली। आरती और उसकी सास का आये … Read more

एक मां की ममता प्रभुसत्ता को चुनौती दे रही थी।

एक औरत रोटी बनाते बनाते *”ॐ भगवते वासूदेवाय नम: “* का जाप कर रही थी, अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते करते ही…। एकाएक धड़ाम से जोरों की आवाज हुई और साथ मे दर्दनाक चीख। कलेजा धक से रह गया जब आंगन में दौड़ कर झांकी तो … Read more

9 मसाले कौन कौन से है और ये किस प्रकार ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते है व इनके पीछे छिपी वैज्ञानिकता क्या है ?

🍚 *1. नमक (पिसा) – सूर्य* 🌶 *2. लाल मिर्च (पिसी) – मंगल* 🧀 *3. हल्दी (पिसी) – गुरु* 🌯 *4. जीरा (साबुत या पिसा )- राहु केतु* 🌯 *5. धनिया (पिसा) -बुध* 🌚 *6. काली मिर्च – शनि* 🥗 *7. अमचूर (पिसा) – केतु* 🍲 *8. गर्म मसाला (पिसा )- राहु* 🍲 *9. मेथी … Read more

जामुन का पेड़

  जंगल के बीचो बीच जामुन का एक बहुत पुराना वृक्ष था। पीढ़ियों से गिलहरियों का एक परिवार उस वृक्ष पर रहता आ रहा था। वह वृक्ष उन्हें हर वो चीज देता आ रहा था जो जीने के लिए ज़रूरी थी। खाने के लिए फल, रहने के लिए अपने खोखले तनों में आसरा और खतरनाक … Read more

क्वारंटाइन यानि सूतक

जिस पुरुष, स्त्री, घर में सूतक होता है वे अन्य व्यक्तियों को स्पर्श नहीं करते हैं। कोई भी धर्मकृत्य अथवा मांगलिक कार्य नहीं करते हैं तथा सामाजिक कार्य में भी सहभागी नहीं होते हैं। अन्यों की पंगत में भोजन नहीं करते हैं । ‘सूतक’ का भारतीय संस्कृति में आदिकाल से पालन किया जा रहा है। … Read more

गोलाकार जीवन

एक दार्शनिक, एक तार्किक, एक महापंडित सुबह-सुबह तेल खरीदने तेली की दुकान पर गये।  जब तक तेली ने तेल तौला, दार्शनिक , तार्किक और महापंडित विचारक तीनों के मन में यह सवाल उठा, ”उस तेली के पीछे ही कोल्हू में बैल चल रहा है, तेल पेरा जा रहा है। न तो उसे कोई चलाने वाला … Read more

होलिका की बात करते हैं

होली नज़दीक है तो होलिका की बात करते हैं:- भारत कृषी प्रधान देश है ,वैदिक भारत में जब फाल्गुन मास में फसल कटके आती थी तब आर्य घरों में उस फसल को सर्व प्रथम अग्निदेव को अर्पित करते थे जिसे होली या होरी कहते हैं । आज भी होलीमें धान्य अग्निको अर्पित किया जाता है … Read more

मूल लक्ष्य

*मूल लक्ष्य*   एक लड़की जो बड़े घर की थी, उसके घर मे बहुत सारे नौकर थे। उस लड़की को कभी जरूरत नहीं पड़ी कि कभी रसोईघर में जाये या कभी बाजार में जाये। फिर उसकी शादी हुई वो ससुराल पहुँची। वह साथ में किताब लाई थी जो उसकी ही मौसी ने दी थी। उस … Read more