कितना रोकूँ
मन के शोर को
ये कहाँ रुकता है
के शोर से परे
उस मौन से मिलना है
मुझे शिव से भी नहीं
शिव में मिलना है
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है
अपने अहम की
आहुति दे जलना है
अपने अहम की
आहुति दे जलना है
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है
क्यूँ मुझे किसी और के
कष्टों का कारण बनना है
चांद और शीश सुशोभित
उस चांद सा शीतल बनना है
क्यूँ मुझे किसी और के
कष्टों का कारण बनना है
चांद और शीश सुशोभित
उस चांद सा शीतल बनना है
उस चांद सा शीतल बनना है
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है
जितना मैं भटका
उतना मैला हो आया हूँ
जितना मैं भटका
उतना मैला हो आया हूँ
कुछ ने है छला मोहे
कुछ को मैं छल आया हूँ
कुछ को मैं छल आया हूँ
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है
मुझे शिव से नहीं
शिव में मिलना है