आदि शक्ति माता आराधना के ५१ शक्ति पीठ

आदि शक्ति माता आराधना के ५१ शक्ति पीठ माता की आराधना के ५२ शक्ति पीठ, दर्शन मात्र से होती है हर मनोकामना पूरी आमतौर पर ५१ शक्ति पीठ माने जाते हैं। तन्त्र चूड़ामणि में लगभग ५२ शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है । देवी भागवत पुराण में 108, कालिका पुराण में छब्बीस, शिवचरित्र … Read more

कोरोना सबको होगा, ये ध्यान रहे

*कोरोना सबको होगा, ये ध्यान रहे।* अमेरीका मे एक कैदी को जब फाँसी की सजा सुनाई ,तब वहाँ के कुछ वैज्ञानिकों ने विचार किया कि इस कैदी पर एक प्रयोग किया जाये, तब उस कैदी को बताया गया कि उसे फाँसी की बजाय विषधर कोब्रा से डसवा कर मारा जाएगा। फाँसी वाले दिन उसके सामने … Read more

जब लाईलाज थे तब संभल गए

*जब लाईलाज थे तब संभल गए*, *अब टीका है फिर भी फ़िसल गए l* *कोई दोष नही है महामारी का*, *दिवाला निकला है समझदारी का*। *छूट क्या मिली बेपरवाह हो गए*, *हम खुद ही लापरवाह हो गए*। *न मास्क पहना न दो गज की दूरी*, *जिंदगी दांव पर लगा दी पूरी पूरी*। *अब बढ़े मरीज … Read more

दाँतों का पीलापन दूर करने के उपाय

*दाँतों का पीलापन दूर करने के उपाय* दाँतों का पीलापन आपके खूबसूरती के चार चाँद को आधा कर देता है। आपके दाँतों का पीलापन व्यक्तिगत स्वच्छता (personal hygiene) की कहानी कह देता है। वैसे तो दाँतों का पीलापन कई कारणों से होता है, जिनमें आम कारण हैं अत्यधिक मात्रा में चाय या कॉफी पीना। आपके … Read more

राम से बड़ा राम का नाम क्यों

*राम से बड़ा राम का नाम क्यों ?* रामदरबार में हनुमानजी महाराज राम की सेवा में इतने तन्मय हो गए कि गुरू वशिष्ठ के आने का उनको ध्यान ही नहीं रहा। सबने उठ कर उनका अभिवादन किया पर, हनुमानजी नहीं कर पाए। वशिष्ठजी ने अपमान से क्रोधित हो राम से हनुमान के लिए मृत्युदंड माँगा … Read more

भूलते जा रहे हैं आज हम वैदिक कैलेंडर

आज सभी को शायद पता नहीं होगा कि हिंदी में महीनों का नाम क्या-क्या हैं। चंद्रमास के नाम:- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, अषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ और फाल्गुन। चैत्र मास ही हमारा प्रथम मास होता है, जिस दिन ये मास आरम्भ होता है, उसे ही वैदिक नव-वर्ष मानते हैं l चैत्र मास … Read more

लोभी प्रवृत्ति

  एक राजा बहुत ही न्याय प्रिय तथा धार्मिक स्वभाव का था। वह नित्य अपने इष्ट देव की बडी श्रद्धा से पूजा-पाठ करता था। एक दिन इष्ट देव ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिये और कहा , ” राजन ! मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ। यदि तुम्हारी कोई इच्छा हो तो बताओ। ” प्रजा को … Read more

ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा क्यों?

*ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा क्यों?* हिंदू धर्म में अनेक परंपराएं प्रचलित हैं। इन परंपराओं के पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है। हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त में उठने की परंपरा काफी पुरानी है। इसका कारण इस प्रकार है- रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे … Read more

लक्ष्मीजी की अंगूठी

*लक्ष्मीजी की अंगूठी* एक निर्धन व्यक्ति था। वह नित्य भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करता। एक बार दीपावली के दिन भगवती लक्ष्मी की श्रद्धा-भक्ति से पूजा-अर्चना की। कहते हैं उसकी आराधना से लक्ष्मी प्रसन्न हुईं। वह उसके सामने प्रकट हुईं और उसे एक अंगूठी भेंट देकर अदृश्य हो गईं। अंगूठी सामान्य नहीं थी। उसे … Read more

दो सत्य कथाएं ; पढ़ने के बाद आप सब भी अपनी ज़िंदगी जीने का अंदाज़ बदल देंगे

*पहली*कथा* 💫दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बनने के बाद एक बार नेल्सन मंडेला अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ एक रेस्तरां में खाना खाने गए। सबने अपनी अपनी पसंद का खाना आर्डर किया और खाना आने का इंतजार करने लगे। उसी समय मंडेला की सीट के सामने वाली सीट पर एक व्यक्ति अपने खाने का इंतजार कर … Read more