क्रोध मत करो

*क्रोध मत करो* एक गांव में एक बूढ़ा अपनी चौपाल पर बैठा बैठा लोगों को समझाया करता था कि यदि जीवन में सुखी और सफल होना चाहते हो तो कभी क्रोध मत करना। एक दिन पास के गांव का एक व्यक्ति उधर से गुजरा। उसने बूढ़े की शांति और सादगी की बात सुन रखी थी। … Read more

जीने की सही दृष्टि

*जीने की सही दृष्टि* जीवन जीना एक कला है। हम चाहें तो बहुत सुंदर जीवन जिया जा सकता है वर्ना यही जीवन हमें बोझ लगने लगता है। ऐसे में प्रश्न जीवन जीने की सही दृष्टि प्राप्त करने का है, क्योंकि जब तक यह दृष्टि हमें प्राप्त नहीं होती तब तक हमें जीने की राह नहीं … Read more

एक चुटकी ज़हर रोजाना

आरती नामक एक युवती का विवाह हुआ और वह अपने पति और सास के साथ अपने ससुराल में रहने लगी। कुछ ही दिनों बाद आरती को आभास होने लगा कि उसकी सास के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। सास पुराने ख़यालों की थी और बहू नए विचारों वाली। आरती और उसकी सास का आये … Read more

एक मां की ममता प्रभुसत्ता को चुनौती दे रही थी।

एक औरत रोटी बनाते बनाते *”ॐ भगवते वासूदेवाय नम: “* का जाप कर रही थी, अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते करते ही…। एकाएक धड़ाम से जोरों की आवाज हुई और साथ मे दर्दनाक चीख। कलेजा धक से रह गया जब आंगन में दौड़ कर झांकी तो … Read more

जामुन का पेड़

  जंगल के बीचो बीच जामुन का एक बहुत पुराना वृक्ष था। पीढ़ियों से गिलहरियों का एक परिवार उस वृक्ष पर रहता आ रहा था। वह वृक्ष उन्हें हर वो चीज देता आ रहा था जो जीने के लिए ज़रूरी थी। खाने के लिए फल, रहने के लिए अपने खोखले तनों में आसरा और खतरनाक … Read more

क्वारंटाइन यानि सूतक

जिस पुरुष, स्त्री, घर में सूतक होता है वे अन्य व्यक्तियों को स्पर्श नहीं करते हैं। कोई भी धर्मकृत्य अथवा मांगलिक कार्य नहीं करते हैं तथा सामाजिक कार्य में भी सहभागी नहीं होते हैं। अन्यों की पंगत में भोजन नहीं करते हैं । ‘सूतक’ का भारतीय संस्कृति में आदिकाल से पालन किया जा रहा है। … Read more

गोलाकार जीवन

एक दार्शनिक, एक तार्किक, एक महापंडित सुबह-सुबह तेल खरीदने तेली की दुकान पर गये।  जब तक तेली ने तेल तौला, दार्शनिक , तार्किक और महापंडित विचारक तीनों के मन में यह सवाल उठा, ”उस तेली के पीछे ही कोल्हू में बैल चल रहा है, तेल पेरा जा रहा है। न तो उसे कोई चलाने वाला … Read more

मूल लक्ष्य

*मूल लक्ष्य*   एक लड़की जो बड़े घर की थी, उसके घर मे बहुत सारे नौकर थे। उस लड़की को कभी जरूरत नहीं पड़ी कि कभी रसोईघर में जाये या कभी बाजार में जाये। फिर उसकी शादी हुई वो ससुराल पहुँची। वह साथ में किताब लाई थी जो उसकी ही मौसी ने दी थी। उस … Read more

बिना शर्ट वाला गार्ड

*बिना शर्ट वाला गार्ड*   एक घर के पास काफी दिन से एक बड़ी इमारत का काम चल रहा था।   वहां रोज मजदूरों के छोटे-छोटे बच्चे एक दूसरे की शर्ट पकडकर रेल-रेल का खेल खेलते थे।   रोज कोई बच्चा इंजिन बनता और बाकी बच्चे डिब्बे बनते थे।   इंजिन और डिब्बे वाले बच्चे … Read more

सफलता की तैयारी

*सफलता की तैयारी*   शहर से कुछ दूर एक बुजुर्ग दम्पत्ति रहते थे। वो जगह बिल्कुल शांत थी और आस -पास इक्का -दुक्का लोग ही नज़र आते थे ।   एक दिन भोर में उन्होंने देखा कि एक युवक हाथ में फावड़ा लिए अपनी साइकिल से कहीं जा रहा है , वह कुछ देर दिखाई … Read more